सजनों अब तक हम जान चुके हैं अज्ञान व अचेतना के कारण पनपे काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार रूपी विषय विकारों के बारे में। इसी संदर्भ में जानो कि अचेतन अवस्था सब बुराईयों व बिमारियों की जड़ है, पाप है, अधर्म है जो हमारे सुख, आनंद और खुशी का विनाश कर उसे विध्वंस कर देती है…..
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जैसा कि सजनों हम सब जानते हैं कि कलुकाल जाने वाला है और सतवस्तु आने वाली है। इस तथ्य के दृष्टिगत ही सजनों सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ के माध्यम से……
Read Moreसजनों मानव जीवन एक खेल है। हम अपने जीवन का खेल बिगाड़ न बैठे इस हेतु हमारे लिए बनता है कि हम इस खेल में सुनिश्चित रूप से विजयी होने के लिए सर्वप्रथम अपनी योग्यता और शक्ति पर दृढ़ विश्वास रखते हुए, इस विचित्र कार्य को आत्मसंयम द्वारा यानि अपनी इन्द्रियों और मन को वश में रखते हुए, जोश के स्थान पर होश में बने रहते हुए, खेलने के तौर तरीके….
Read Moreआओ समझते हैं कि मनुष्य रूप में हम हैं क्या ?
हम मानव हैं। मानव यानि प्रकृति की सर्वोत्तम अद्भुत कलाकृति। मानव रूप में हमारा यह जन्म सभी जन्मों में श्रेष्ठ, महत्त्वपूर्ण व दुर्लभ है तथा मोक्ष का द्वार है……
Read Moreहम मानव यथार्थता में अपने मानव होने की सत्यता को प्रतिष्ठित कर सकें उसके लिए हमें कलुकालवासियों द्वारा अपनाए मानवत् भाव के स्थान पर मानवता का भाव अपना सदा एकता व एक अवस्था में बने रहना होगा….
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